दुआओं में उठे रहे हाथ, मांगी अपने गुनाहों की माफी
शब-ए-बराअत पर घरों, मस्जिदों और कब्रिस्तान में
सुबह तक चलता रहा इबादत का सिलसिला
भिलाई। शब-ए-बराअत के मौके पर शहर का मुस्लिम समुदाय सुबह तक इबादत में डूबा रहा। मस्जिदों और कब्रिस्तान में रविवार की शाम से नमाजियों और इबादतगुजारों की चहल-पहल रही। कब्रिस्तान में लोगों ने अपने दिवंगत परिजनों की कब्र पर जाकर दुआएं की। वहीं घरों में भी इबादत का सिलसिला चलता रहा।
कब्रिस्तान हैदरगंज कैंप-1 भिलाई में रविवार सुबह 10 बजे से कुरआन ख्वानी और फातिहा ख्वानी रखी गई। जिसमें शहर की कई मस्जिदों के इमाम, दारुल उलूम यतीम खाना के बच्चे और तमाम लोग बड़ी तादाद में मौजूद थे। यहां कब्रों पर फूल पेश किए गए और मरहूम लोगों के इसाले-सवाब के लिए दुआएं की गई। शाम के वक्त कब्रिस्तान हैदरगंज कैम्प-1 में लोगों का हुजूम उमड़ने लगा। यहां लोग अपने दिवंगत परिजनों की कब्र पर फूल चढ़ाने और दुआएं करने पहुंचे। लोग कब्रिस्तान पहुंच कर भावुक हो गए। अपने दिवंगत परिजनों की कब्र पर जाकर ज्यादातर लोगों की आंखें छलक उठी। इसी तरह शहर की तमाम मस्जिदों में शब-ए-बराअत को देखते हुए खास इबादत के इंतजाम किए गए । जामा मस्जिद सेक्टर-6 में 25 फरवरी की शाम नमाज-ए-मगरिब के बाद सूरए यासीन पढ़ी गई। मस्जिद हजरत बिलाल हुडको में मगरिब की नमाज़ हुई और बाद नमाज़ नफिल शबे बराअत की रात पर मुफ्ती जामी कमर साहब ने रोशनी डाली।
नबी की सुन्नत है कब्रिस्तान जाना
जामा मस्जिद सेक्टर-6 में शाम के वक्त नवाफिल नमाज और सूरह यासीन पढ़ने के बाद इमाम खतीब मौलाना हाफिज इकबाल अंजुम हैदर ने शबे-बराअत का बयान किया। उन्होंने बताया कि हमारे नबी सल्लल्लाहु-अलैहि वसल्लम साल में एक मरतबा इस रोज अपने मरहूमों की कब्र पर फातिहा पढ़ने कब्रिस्तान (जन्नतुल बकी) जाते थे। उनके दिखाए रास्ते पर हम सब चल रहे हैं। इस मौके पर सभी ने मिल कर दुआएं की।
सोशल मीडिया पर भी जारी रहा माफी मांगने का सिलसिला
शबे बराअत के मौके पर हैदरगंज मुस्लिम कब्रिस्तान कैंप-1 में जश्ने इमाम ए आज़म अबू हनीफा कॉन्फ्रेंस और महफिल रात 10 बजे से रखी गई । जिसमें मेहमानी खुसूसी हजरत अल्लामा मुफ्ती शमसुद्दीन मकराना राजस्थान ने शबे-बराअत की फजीलत बयान की। उन्होंने इस रात की इबादत का खास तौर पर बयान किया।
जामा मस्जिद सेक्टर-6 के साबिक इमाम सैयद अजमलुद्दीन हैदर की सरपरस्ती और जामा मस्जिद सेक्टर-6 के इमाम व खतीब इकबाल अंजुम हैदर अशरफी की जेरे सदारत हुई इस कॉन्फ्रेंस में शायरे इस्लाम डॉक्टर जहीरूद्दीन रहबर रायपुर, मौलाना गुलाम मोहिउद्दीन रजवी फरीदनगर और शायरे इस्लाम कारी वसीम अख्तर नागपुरी भी शामिल हुई। इस दौरान तकरीर के अलावा हम्द व नात शरीफ का नजराना पेश किया गया। सलात व सलाम के बाद कॉन्फ्रेंस खत्म हुई।
शहर व आसपास की मस्जिदों के इमाम भी रहे मौजूद
हैदरगंज मुस्लिम कब्रिस्तान इंतजामिया कमेटी की ओर से यह कॉन्फ्रेंस खालिस रूहानी और दीनी एतबार से रखी गई । जिसमें आसपास की तमाम मस्जिदों के इमाम भी मौजूद थे। इनमें अशरफी मस्जिद जोन-3 के जामीं कमर अजहरी, रजा जामा मस्जिद कैंप-2 से कलीम अशरफ कादरी, जोन-3 खुर्सीपार के शान मोहम्मद, कैलाश नगर भिलाई के जलालुद्दीन मिस्बाही, मस्जिद रिसाली के मोहम्मद सनाउल्लाह रिजवी, फरीद नगर भिलाई के शराफत रजा, फरीदीया मस्जिद फरीद नगर के अमीर अहमद सलीम उल कादरी, फलकनुमा मस्जिद अय्यप्पा नगर के अब्दुल सुबहान, जोन 1-2, छावनी व खुर्सीपार के कलीमुल्लाह रिजवी, अक्सा मस्जिद गफ्फार कॉलोनी छावनी के तौहीद आलम, शेरे खुदा मस्जिद हाउसिंग बोर्ड के ताजिम अहमद जामई, गौसिया मस्जिद कैंप-1 के गुलाम रसूल, हनफ़ी मस्जिद कोहका के आरिफ खान रजवी, मक्का मस्जिद फरीदनगर के नूरानी अशरफी, रूआबांधा मस्जिद भिलाई के उमर फारूक, गरीब नवाज मस्जिद सुपेला के अब्दुल रहीम, इमाम हजरत बिलाल मस्जिद हुडको के बाबू हसन, हुसैनी मस्जिद जीई रोड सुपेला के मोहम्मद तारिक अनवर, शांति नगर अलफलाह मस्जिद के लईकुद्दीन मिस्बाही और आयशा मस्जिद गफ्फार कॉलोनी छावनी के अब्दुल जब्बार भी मौजूद रहेंगे। सभी ने मिल कर मुल्क में अमन व सलामती के लिए दुआएं की।