इरशाद साबरी से खास बातचीत सूफी गायक और कव्वाल

इरशाद साबरी से खास बातचीत सूफी गायक और कव्वाल


तेरी जात पर तेरे नाम पर ख्वाजा हम गरीबों को नाज है तू बड़ा गरीब नवाज है
आदाब नमस्कार आप देख रहे है इंडिया फैक्ट न्यूज
 जैसे कि आप जानते हैं कि हम हमारे स्टूडियो में जाने माने चेहरे को लाते रहते हैं ,तो आज हम आपको मिला रहे हैं इरशाद साबरी सर से जो कि साबरी सूफी ब्रदर के ग्रुप से जाने जाते है
 चैनल में आपका स्वागत है ।
थैंक 
सबसे पहले मैं यही जानना चाहूंगा कि ये साबरी ब्रदर है क्या । इसमें और भी लोग है या आप ही लोग हो ।
देखिए ऐसा है कि साबरी एक सिलसिला है बेसिकली जैसे ताजुद्दीन बाबा अभी हम नागपुर में है नागपुर में जितने भी लोग ताजुद्दीन बाबा को मानते हैं फॉलो करते हैं या उनसे मुरीद है उनके सिलसिले से मुरीद है वो अपने नाम के साथ ताजी लगाते हैं अच्छा तो इसी तरह कलिया शरीफ में दरगाह है हजरत साबरी पाक की जी अली अहमद साबरी अलाउद्दीन साब उनको कहा जाता है उस सिलसिले से जो लोग मुरीद होते हैं वो अपने नाम के साथ साबरी लगाते है ।तो बहुत मतलब इसी सदी में एक बहुत बड़ा नाम गुजरा साबरी ब्रदर जो ओरिजिनल है ।जिन्होंने स्टार्ट किया उनका ताल्लुक पाकिस्तान से था हाजी गुलाम फरीद साब साहब मकबूल अहमद साब यह लकब सबसे पहले उनके साथ लगा । साबरी ब्रदर्स का क्योंकि वो परफॉर्म करते थे और माशाल्लाह वो चार भाई थे तो साबरी तो किसी ने उनको व लकब दिया साबरी ब्रॉदरस वहां से सिलसिला शुरू हुआ और उसके बाद में फिर लोगों को लगा कि यह शायद ठीक है कि अपने नाम के साथ अब मैं अपने नाम के साथ जैसे हम दो भाई परफॉर्म करते हैं मेरे बड़े भाई है दिलशाद साबरी और हम छह भाई और छह के छह भाई माशाल्लाह कवाली में एक साथ जाते है 
क्या बात है 
अब सबके नाम एक साथ आप किसी भी जगह पर देने से बेहतर आदमी ये समझता है कि इसके साथ में ये लगा दिया जाए साबरी ब्रदर्स तो हम साबरी सूफी ब्रदर्स के नाम से जाने जाते हैं लेकिन ओरिजिनल जो ये जो सबसे पहले स्टार्ट हुआ सिलसिला वो हमारा उस्ताद घराना भी है 
वो मेरे बड़े भाई है दिलशाद साब साहब वो मकबूल साब साहब के बाकायदा डंडा मन शागिर्द है उनकी वीडियोस भी पड़े य पर तो वहां से वो सिलसिला है तो एक उनकी निस्बत भी है और वो एक साबरी सिलसिला भी है इसलिए साबरी ब्रदर है तो जो भी कोई कहता है कि हम असली है वो

 हमारे खानदानी यही काम है हमारा शादी या मौत मैयत जो भी कुछ होता है वो कवाली के काम से ही होता है अच्छा पिछले कई 100 साल से मतलब ये ऐसा नहीं है कि 10 15 साल की हिस्ट्री है य सैकड़ों सालों की हिस्ट्री है पिछले तकरीबन तकरीबन 600 साल से ओरऔर कई हमारे बुजुर्गों से ये भी पता चलता है कि 800 साल की अपने खानदान की हिस्ट्री है कवाली की और अभी भी हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती ला के सबसे बड़े साहबजादे हैं जिनका दरबार है सरवार शरीफ में वहां पर जो पगड़ी बंद कवाल है वह हमारे लोग है और हमारी पार्टी मेरे ताया के बच्चे गाते हैं और भी हमारे जो रिलेटिव है वो गाते हैं तो यह हमारे खानदानी काम है यही सिलसिला है कवाली का ही कवाली ही करते हैं और कवाली से सारा निजाम सारा सिस्टम चलता है आपके अभी तक कितने एल्बम आ गए और सबसे ज्यादा पॉपुलर एल्बम कौन सा है 
मेरे जी अल्हम्दुलिल्लाह तकरीबन तकरीबन कवाली के एल्बम 15 20 है जिसमें जो मोस्ट पॉपुलर कलाम हुए है एक जो सारे हिंदुस्तान में नहीं बल्कि पूरे दुनिया में हि हुआ मैं तो छमछम नाच मेरे खवाजा धर आए जी वो हमारा ही कलाम है रिकॉर्डेड और उसके अलावा तेरी जात पे तेरे नाम पे बड़ा गरीब जी ,ये भी काफी मकबूल हुआ जी उसके अलावा मेरी जिंदगी अमानत है तेरी तू मालिक है ,ख्वाजा मेरी जिंदगी का जी और उसके अलावा मतलब और काफी सारे कलाम है बाकी ये मोस्ट जो सबसे ज्यादा आज भी हर स्टेज पर जो हमसे सुने जाते हैं जिसकी फरमाइश की जाती है। वोय है
 जी जी सर एक लाइन हमारे दर्शकों को आपके द्वारा ।
जी मैं सुना देता हूं कलाम सुना तेरी जात पर तेरे नाम पर ख्वाजा हम गरीबों को नाज है तू बड़ा गरीब नवाज तेरी जात पर तेरे नाम पर खवाजा हम गरीबों को नाज है तू बड़ा गरीब नवाज 
और क्या कहना चाहेंगे जाते जाते आप हमारे दर्शकों को जो सूफी फील्ड में आए हैं ।उनके लिए ।
सूफी जी मैं सबसे पहले दर्शकों को कुछ कहने से पहले आपके लिए सफी फीड में जो लोग आते हैं या कवाली में उनको आप जाते जाते क्या कहना चाहेंगे
 मैं ये कहना चाहूंगा कि सूफी फील्ड की एक बुनियाद है जी सूफी जो म्यूजिक है ये जो ऊपर की चीजें हैं जी किताब होती है और हम जब उसको ऊपर से पढ़ते हैं जी उसी से जज करते हैं जी उससे जज ना करें अच्छा जो अंदर है जो उसके डीप सफी म्यूजिक कहां से शुरू हुआ कैसे शुरू हुआ हजरत अमीर सस रला ने क्या लिखा चती ने उनका क्या किरदार था कवाली के लिए सूफी के लिए मैं यह चाहता हूं कि जितने भी लोग कवाली स्टार्ट करें वही गाव जो लोग सुनना चाहते हैं ठीक है लेकिन उसके साथ साथ जो बुनियाद है सूफी म्यूजिक
 जी जी जी जी
 उसको समझे जो बुजुर्गा दीन ने कवाली लिखी है जो कलामाता ख लिखे हैं उनको पढ़े और उसके हिसाब से आप काम करें तो आपको मजा आएगा जैसे हजरत अमीरस लाले ने फारसी में बेशुमार ऐसे ऐसे कलामारी भी कवाल या कोई भी सूफी आर्टिस्ट तो मेरे ख्याल में उसके अंदर वैसे ही रूहानियत खूब आ जाएगी जी जी जी तो मैं जितने भी लोग मेरे भाई हैं जितने भी ये काम कर रहे हैं और आगे करना चाहते हैं जो स्टार्ट करते है उनसे मैं यही गुजारिश करूंगा कि इसकी जो मेन जो बुनियाद होती है जो मेन बेसिक चीज है उसको जरूर समझे कवाली में जो मेन चीजें हैं कोल है कलवाना है रंग है इन सारी चीजों को समझे जो मेन चीज है ठीक है आप पब्लिक के हिसाब से करें जो कवाली है वह पढ़ रहे हैं कोई बात नहीं वह एक जरिया माश भी है कमर्शियल भी मैं खुद भी बहुत अच्छी खासी पेमेंट लेता हूं परफॉर्म करने की लेकिन कभी आपका ऐसा भी टकराव हो सकता है कि कोई आपको कह दे कि जी मौलाना रूम का कोई कलाम सुनाए तो आपके पास वह तैयारी भी होनी चाहिए कोई आपको यह भी कह सकता है कि हजरत अमीर ला का कोई कलाम सुना बाबा फरीद का लिखा हुआ कोई कलाम सुनाए हत खवाजा मद्दीन हसन चिश्ती का कोई कलाम सुना है तो वोह तैयारी भी हमारे भाइयों के पास मेरे सारे सबसे मोहब्बत करता हूं जितने भी लोग इस फील्ड से वाबस्ता है वो यह जरूर करें अपनी इस चीज इस पर तैयारी जरूर रखें बहुत मजा आएगा यह बहुत ही जिसको कहते हैं ना रूहानियत का काम है इसके मजे लेके स आजकल ये भी देखा जा र है कि कवाल लोग वर्गर पना भी ज्यादा कर देते कई जगह तो ऐसे क वालो को आप क्या बोलना चा नवेद भाई पता है क्या है अभी जो हम कवाली कर रहे हैं इंक्लूडिंग मी मैं क्यों किसी का किसी दूसरे का नाम नहीं ले सकता मैं अपने ऊपर ही लेता हूं आपने मुझे बुलाया परफॉर्म करने के लिए आपने नाम रख दिया कवाली कवाली नाइट है या सूफी नाइट है जो भी है उसके बाद में कवाली स्टार्ट होती है अभी कवाल की इसमें कोई गलती नहीं है अच्छा अगर आप देखेंगे इसमें कवाल की कोई गलती नहीं है 95 पर बल्कि 99 पर में कहूंगा कवाल का जरिया माश यही है कवाली से ही उनका घर चलता है और सार चीज चलती है तो उस बेचारे की मजबूरी है कि उससे ऑडियंस जो सुनना वो सुनाएगा अब जब हम स्टेज पर बैठते हैं मैं खुद भी गाता हूं मैं गजल कवाली इवन मैंने सोंग्स भी रिकॉर्ड किए हु वो भी मेरा एक पेशा है क्योंकि गाना भी मेरी मेरा काम ही है तो हमारी मजबूरी होती है हम जब स्टेज पर बैठते हैं हमें बैठने से पहले 10 पचिया मिल जाती है कि मुख्तसर हमद पढ़ के और ये गजल कर दीजिए मुख्तसर नात पढ़ के ये कर दि तो इसमें कवाल की कोई गलती नहीं है अगर आप देखे ना बेचारा कवाल तो मजबूर है कवाल आज के जमाने में भी ऐसा मिल जाएगा ऐसा मिल जाएगा कि उसको समझ नहीं सकता कोई आज भी ऐसे कवाल है जिनको ऐसे ऐसे उनके पास बुजुर्गा दन की कलामाता है और ऐसी ऐसी कवालिया है कि अगर उनको सुन ले तो कोई पीर ना हो तो पीर बन जाए कवाली सुन के क्योंकि हुजूर गरीब नवाज ने कवाल को अपनी मौजूदगी में जी हुजूर ख्वाजा गरीब नवाज ने अपनी मौजूदगी में यह कहा है कि जिस महफिल में कवाली होती है मौजूदगी में कह रहे हैं कि उस उस महफिल में उस महफिल का इमाम कवाल होता है कितनी बड़ी बात है अपनी मौजूदगी में खवाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती कोई छोटी शख्सियत तो नहीं थी मगर वो अपनी मौजूदगी में कह रहे हैं कि जिस महफिल समा के अंदर इमाम कवाल होता है तो आप उसको मौका दे कवाल को कवाल से कहे कि भाई हमें वो कवाली सुनाओ जो ओरिजिनल कवाली अब आप कवाल स्टेज पर बैठा आपने कह दिया काली काली जुल्फों के फंदे ना डालो अब उसने पेमेंट भी तो ली ना आपसे जो उसने पैसे लिए वो आपसे ही लिए हैं आपने दिए बेचारा क्या करेगा उसम गाना प सही बात हैदा गलतिया कवाल की नहीं होती दर्शक की डिमांड प ही उनको गाना पड़ता है ।
 आपने अपना इतना कीमती समय दिया स्टूडियो में आए उसके लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया सर 
आपका बहुत शुक्र गुजार हूं कि आपने मुझे नाचीज को इस काबिल समझा कि मुझे यहां बुलाया और मैं दुआ करूंगा कि अल्लाह आपका चैनल चला है और तमाम लोगों से मेरी रिक्वेस्ट है कि भाई को फॉलो करें सब्सक्राइब करें और और इनको ज्यादा से ज्यादा करें सब्सक्राइब देखें । इनसे आपको वो मिलेगी मोटिवेशन ।हमारा इंटरव्यू कर रहे बाकायदा एक प्रॉपर तरीके से यहां पर वो सारे इंतजा मात है जो एक स्टूडियो में होते हैं तो भाई को फॉलो करें उनको सब्सक्राइब करें और इनको जितना सपोर्ट हो सकता है करें और मेरा सपोर्ट हमेशा आपके साथ सर जब भी आप हुकुम करें हर तरीके से आपके लिए 
सर थैंक यू सर तो उम्मीद करते हैं दोस्तों आज का एपिसोड आपको पसंद आया होगा पसंद आया होगा तो हमारे चैनल को लाइक सब्सक्राइब करना ना भूले फिलहाल हम दोनों को दीजिए इजाजत अल्लाह ।
 हमारे चैनल को सब्सक्राइब करें और बेल आइकन दबाना ना भूलें

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने